देश का पैसा देश में ही काम आए: भागवत।
वर्ष 2025 से 2026 का वर्ष संघ के 100 वर्ष पूरे होने के बाद का वर्ष है। सभी क्षेत्रों में संघ के ‘स्व’यंसेवक कदम बढ़ाएंगे। समाज के आचरण में, उच्चारण में संपूर्ण समाज और देश के प्रति अपनत्व की भावना प्रकट हो। मंदिर, पानी, श्मशान में कहीं भेदभाव बाकी है, तो वह समाप्त हो। परिवार के सभी सदस्यों में नित्य मंगल संवाद, संस्कारित व्यवहार व संवेदनशीलता बनी रहे, बढ़ती रहे व उनके द्वारा समाज की सेवा होती रहे। सृष्टि के साथ संबंधों का आचरण अपने घर से पानी बचाकर, प्लास्टिक हटाकर व घर आँगन में तथा आसपास हरियाली बढ़ाकर हो। ‘स्व’देशी के आचरण से ‘स्व’-निर्भरता व स्वावलंबन बढ़े, फिजूलखर्ची बंद हो। देश का रोजगार बढ़े व देश का पैसा देश में ही काम आए।
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